सूबदार,
हौल्दार ,
थाणादार ,
डिप्टी - कलक्टर ,
तहसीलदार ,
डॉ ० और प्रिंसिपल साहब
सबही प्रवासी व्हेय ग्यीं
अब रै ग्यीं त बस
ठेक्कदार,
और उन्का डूटयाल
जू लग्याँ छीं
दिन रात
सबुल लगांण मा
अफ्फ अफ्फ खुण
पहाड़ मा
म्यारा कुमौं-गढ़वाल मा !
रचनाकार :गीतेश सिंह नेगी ( सिंगापूर प्रवास से,सर्वाधिकार-सुरक्षित )
Negiji,
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