हिमालय की गोद से
दादू मी पर्बतों कु वाशी
हिमालय की गोद से
बहुत खुबसूरत है आशियाना मेरा ,है यही स्वर्ग मेरा,मेरु मुलुक मेरु देश
Sunday, May 22, 2011
गढ़वाली कविता :सब गोल
संसद मा नेता
गौं मा प्रधान
चौकी मा पटवरी
स्कूल मा स्कूलया
ब्लाक मा विगास-
योजना
पहाड़ मा मनखी
और या सरया दू
णि
या
किल्लेय छीं सब गोल ?
रचनाकार : गीतेश सिंह नेगी ,सिंगापूर प्रवास से ,सर्वाधिकार सुरक्षित
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