Translation of Poems on subject of World war
Translation By Geetesh singh Negi
Notes on Translation
of a Poem based on world war ; Translation of a Poem based on world war
by an Asian translator; Translation of a Poem based on World war by a south
Asian translator; Translation of a Poem
based on World war by an SAARC countries translator; Translation of a
Poem based on World war by an Indian subcontinent translator; Translation of a Poem based on World war
by an Indian translator; Translation of a
Poem based on World war by a North Indian translator; Translation of a Poem based on World war by a Himalayan translator;
Translation of a Poem based on World war by a Mid-Himalayan translator; Translation of a Poem based on
World war by an Uttarakhandi translator;
Translation of a Poem based on World war by a Kumauni translator; Translation of a Poem based on World war by a Garhwali translator
युद्ध विभीषिका पर कविताएँ; युद्ध विभीषिका पर कविताओं का एशियाई अनुवादक का अनुवाद ; युद्ध विभीषिका पर कविताओं का दक्षिण एशियाई अनुवादक का अनुवाद ;युद्ध विभीषिका पर कविताओं का भारतीय अनुवादक का अनुवाद ;युद्ध विभीषिका पर कविताओं का उत्तर भारतीय अनुवादक का अनुवाद ;युद्ध विभीषिका पर कविताओं का हिमालयी अनुवादक का अनुवाद ;युद्ध विभीषिका पर कविताओं का मध्य हिमालयी अनुवादक का अनुवाद ;युद्ध विभीषिका पर कविताओं का गढ़वाली अनुवादक का अनुवाद ;
विश्व युद्धऽक कवियौं कि कविता
सिगफ्राईड सैसून कि कबिता (गढ़वाली अनुवाद ) : 2
युद्ध विभीषिका पर कविताएँ; युद्ध विभीषिका पर कविताओं का एशियाई अनुवादक का अनुवाद ; युद्ध विभीषिका पर कविताओं का दक्षिण एशियाई अनुवादक का अनुवाद ;युद्ध विभीषिका पर कविताओं का भारतीय अनुवादक का अनुवाद ;युद्ध विभीषिका पर कविताओं का उत्तर भारतीय अनुवादक का अनुवाद ;युद्ध विभीषिका पर कविताओं का हिमालयी अनुवादक का अनुवाद ;युद्ध विभीषिका पर कविताओं का मध्य हिमालयी अनुवादक का अनुवाद ;युद्ध विभीषिका पर कविताओं का गढ़वाली अनुवादक का अनुवाद ;
विश्व युद्धऽक कवियौं कि कविता
सिगफ्राईड सैसून कि कबिता (गढ़वाली अनुवाद ) : 2
The Survivors
- No doubt they'll soon get well; the shock and strain
- Have caused their stammering, disconnected talk.
- Of course they're 'longing to go out again,'--
- These boys with old, scared faces, learning to walk.
- They'll soon forget their haunted nights; their cowed
- Subjection to the ghosts of friends who died,--
- Their dreams that drip with murder; and they'll be proud
- Of glorious war that shatter'd all their pride...
- Men who went out to battle, grim and glad;
- Children, with eyes that hate you, broken and mad.
( Siegfried Sassoon)
जू बच ग्यीं- कुई शक नी च व्हेय जाला वू दुबरा एकदम ठीक ,सदमा अर तनाव से
- उंकी लडखडान्दी अर अलझीं छुईं बत्था
- बिलकुल वू तरसणा छीं भैर जाण खुण
- दगड दाना अर डरोंण्या मुख सिखणा छीं हिटणु इह नौना
- सर्र बिसिर जाला वू अप्डी त्रस्त डरोंण्या रातौं थेय ,
- मोरयां दगडीयूँ का भूतों का दगडू थेय ,
- दगड कत्ल का टपकदा उंका स्वीणा ,अर उ फक्र करला
- शानदार लडै फर जैन्ल ख़तम कैर द्याई उन्कू सरया हंकार
- आदिम , जू चलीं ग्यें लडै मा , छीं गंभीर अर खुश
- नफरात करद आंखि त्वे से , दुखी अर बोल्या बच्चों क़ि
-
( The Survivors कु गढ़वली अनुवाद )
अनुवादक : गीतेश सिंह नेगी ,सर्वाधिकार सुरक्षित
Translation of Poems on subject of World war
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translator
continued ....
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- कुई शक नी च व्हेय जाला वू दुबरा एकदम ठीक ,सदमा अर तनाव से
लड़ाई के बाद जो हालत उत्पन्न हो जाते है वह भुक्त भोगी और परिवार भलीभांति जानता है,..भले ही और उससे अनभिज्ञ हों.. ..बहुत सार्थक प्रस्तुति ..
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 13 मई 2017 को लिंक की जाएगी ....
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
सुन्दर।
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