हिमालय की गोद से

हिमालय  की  गोद  से
बहुत खुबसूरत है आशियाना मेरा ,है यही स्वर्ग मेरा,मेरु मुलुक मेरु देश

Friday, October 22, 2010

गढ़वाली कविता : जय हो उत्तराखंड




गलदारौं की  
ठेकादारौं की
जय हो उत्तराखंड त्यारा समल्धरों की !

प्रधनौ की 
प्रमुखौं की  
जय हो उत्तराखंड त्यारा "जनं-प्रतिनिधियौं "  की !

भित्तर का बेरोजगारों की
बहेर्रा का रोजगारों  की 
जय हो उत्तराखंड उन्का लगन्दरों की !

नय साला का बढ़दा खर्चौं  की 
पुराणा पाँछि कर्जौं की 
जय हो उत्तराखंड त्यारा लुछधरौं की !

बज्दा घान्डों की 
खाली भांडों की 
जय हो उत्तराखंड त्यारा बड़ा बड़ा डामों  की !

बिस्गदी गंगा की
बोग्दी कच्ची- दारू का छानियुं की 
जय हो उत्तराखंड त्यारा घियु -दुधा का धारौं की !

टूटयाँ हैल-दंदुलोउन की
निकम्मा दाथी थमलोउन की
जय हो उत्तराखंड त्यारा अज्कल्य्या ब्वारी नौनौं की !
जय हो उत्तराखंड त्यारा अज्कल्य्या ब्वारी नौनौं की !

रचनाकार : गीतेश सिंह नेगी (सिंघापुर प्रवास से ),दिनांक २२-१०-१०  (*सर्वाधिकार  सुरक्षित )

1 comment:

  1. बहुत सही लिखा है| फोटो भी अच्छी हैं|

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