जटिल प्रश्न
शंका कठोर
संग ह्रद्य का अंतरद्वंद
आखिर तुम कब तक मौन रहोगे ?
उलझन विचित्र
घनघोर अँधेरा
संग मन चंचल यौवन
आखिर तुम कब तक मौन रहोगे ?
अंतस की पीड़ा
विस्मय का बोध
खोल पाश मोह-माया के
आखिर तुम कब तक मौन रहोगे ?
अनंत अथाह संघर्ष
कर जिजिवेच्छा
तोड़ भ्रम के पैमाने मनं
आखिर तुम कब तक मौन रहोगे ?
करुण क्रंदन
जिह्वा का कम्पन्न
अब छोड़ ह्रद्य का भी स्पंदन
आखिर तुम कब तक मौन रहोगे ?
उठ प्रचंड
हो सिंह गर्जना
कर प्रतिकार का शंख -नाद
आखिर तुम कब तक मौन रहोगे ?
संघर्ष अनवरत
हो विजय अटल
चल न्याय का उठा खडग
आखिर तुम कब तक मौन रहोगे ?
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