" वूंल बोलि "
वूंल बोलि
भैज्जि जक्ख पांणि नि
वक्ख पांणि पहुँचौला
जक्ख सड़क नि
वक्ख गाडी पहुँचौला
जक्ख अस्पताल नि
वक्ख डाक्टर पहुँचौला
जक्ख इस्कूल नि
वक्ख मास्टर पहुँचौला
जक्ख कुछ नि च
ब्वै का सौं वक्ख
सब्बि धाणी पहुँचौला
हमर पाणि कन्नै पैटि
हमर सड़क कक्ख बिरड़
हमर डाक्टर बीमार च कि व्यबस्था
हमर नौना फेल हूंयीं की मास्टर
ब्वै का सौं हम नि ज़णदा
पर हाँ
वू दिल्ली -देहरादूण तक पौंची गयीँ
वूं मा सड़क ,पाणि ,गाडी ,डाक्टर ,मास्टर
सब्बि धाणी छीं आज
इत्गा त हम बी जाणि ही ग्यो
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