विश्व प्रसिद्ध कवियों की कविताओं का गढ़वाली भाषा अनुवाद श्रृंखला
" कतील शफ़ाई " की शायरी का गढ़वाली भाषा अनुवाद
अनुवादक : गीतेश सिंह नेगी
हे भगवान
दर्दल भोर दे मेरि खुचली हे भगवान
फिर चाहे मिथेय बौल्या बणा दे हे भगवान
मिल कब्ब मंगिन त्वे मा चाँद तारा
साफ़ दिल खुला आँखा दे हे भगवान
सुर्ज सी एक चीज त देखि याल हमुल
अच्छेकि अब कुई सुबेर दे हे भगवान
यत धरती का जख्मोँ फर धैर दे मलहम
या म्यारु दिल ढुंगु कै दे हे भगवान
अच्छेकि अब कुई सुबेर दे हे भगवान
यत धरती का जख्मोँ फर धैर दे मलहम
या म्यारु दिल ढुंगु कै दे हे भगवान
अनुवादक : गीतेश सिंह नेगी
बहुत सुन्दर ..
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