हिमालय की गोद से

हिमालय  की  गोद  से
बहुत खुबसूरत है आशियाना मेरा ,है यही स्वर्ग मेरा,मेरु मुलुक मेरु देश

Sunday, May 9, 2010

"मत पूछो "

स्याहः रातो में हैं , अब आशियाना मेरा

बस मुझसे मेरा पता मत पूछो,

लोग कहते हैं की हम, अक्सर दिल में बसते हैं

बस धडकने सुन लो , धडकनो की वजह मत पूछो ,

एक अजीब सा दर्द है , मेरे सीने में कईं बरसों से ,

दर्द को समझो बेशक ,पर दर्द की दवा मत पूछो,

प्यासा हूँ कईं जन्मो से एय दोस्तों मैं ,

मुझसे घनघोर घटाओं का पता मत पूछो ,



By : "Geetesh Singh Negi "

2 comments:

  1. kavi kalpana achi lagi, bt kitni achi lagi ? ? ? yeh mat pucho .. . . . . shayad hum chote pad jayenge appki iss soch ke samne . . . .aap bas lage raho :)

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