विश्व प्रसिद्ध कवियौं की कवितायें उत्तराखण्ड के ख्यात कवि-गीतकार और लोक गायक आदरणीय श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी की गढ़वाली ग़ज़ल "लटुलि फुलिं ग्येनी" का अनुवाद , ( अनुवादक : गीतेश सिंह नेगी )
"लटुलि फुलिं ग्येनी"
त्यारा ख्यालों की दुनियाँ मा डुब्यूं रौं मी
त्वे थेय ख्याल आई त लटुलि फुलिं ग्येनी
लटुलि फुलिं ग्येनी
रुज्दा बिज्दा तरपर ऐन सौण भादो -२
मीन बोली लठियालो वीं खोजी ल्यादो
दणमण अस्धरियोंळ मुखडी छल्याणो रौं मी
आशूँ उबैनी त लटुलि फुलिं ग्येनी
लटुलि फुलिं ग्येनी
त्यारा ख्यालों की दुनियाँ मा डुब्यूं रौं मी
त्वे थेय ख्याल आई त लटुलि फुलिं ग्येनी
लटुलि फुलिं ग्येनी
कौंपदू - २ थर थर फिर ह्यूंद आई -२
त्यारा बाँठोँ ह्यूं बी मैमा धोली ग्याई
टप -टप पठाल्यूँ कु ह्युं सी गळणु रौं मी
मौल्यार आई त लटुलि फुलिं ग्येनी
लटुलि फुलिं ग्येनी
हैसदु खेल्दु खिलखिल बसन्त आई -२
मेरी सुनि देलीयूँ मा फूल धोली ग्याई
मुलमुल हैसदा फूलों मा त्वे खोज्याणू रौं मी
खोजी खाजि याली त लटुलि फुलिं ग्येनी
लटुलि फुलिं ग्येनी
त्यारा ख्यालों की दुनियाँ मा डुब्यूं रौं मी
त्वे थेय ख्याल आई त लटुलि फुलिं ग्येनी
लटुलि फुलिं ग्येनी
अंगार सी बरखींनि घाम रूडी बूढ़ी
छमोटोंळ पाणि पेकि बी स्यैल नी पोड़ि
झपन्याली लटुलियुं कु छैल लोप्याणु रौं मई
हाथ पौछिनी त लटुलि फुलिं ग्येनी
लटुलि फुलिं ग्येनी
त्यारा ख्यालों की दुनियाँ मा डुब्यूं रौं मी
त्वे थेय ख्याल आई त लटुलि फुलिं ग्येनी
लटुलि फुलिं ग्येनी
लटुलि फुलिं ग्येनी
" उम्र ढल गई "
तेरे ख्यालों की दुनिया में डूबा रहा मैं
तुझे ख्याल आया तब तलक उम्र ढल गई
तेरे ख्यालों की दुनिया में डूबा रहा मैं
तुझे ख्याल आया तब तलक उम्र ढल गई
भीगता भीगता तरबदर जब आया सावन भादौं
मैंने कहा यार ज़रा उसे खोज ला दो
बहते अश्कोँ से धोता रहा चेहरा अपना
अश्क़ थमे तब तलक उम्र ढल गई
तेरे ख्यालों की दुनिया में डूबा रहा मैं
तुझे ख्याल आया तब तलक उम्र ढल गई
काँपता -२ आया शर्द मौसम फिर जब
बर्फ तेरे हिस्से की बरबस मुझ पर ही गिराता हुआ
पत्थरोँ पर जमीं बर्फ सा गलता रहा टप टप अक्सर मैं
बहार आयी तब तलक उम्र ढल गई
तेरे ख्यालों की दुनिया में डूबा रहा मैं
तुझे ख्याल आया तब तलक उम्र ढल गई
मुस्कुराता हुआ खिलखिलाता हुआ फिर आया बसंत
मेरी वीरान दहलीज पर फूल बरसाता हुआ
मुस्कुराते फूलों में तुझे खोजता रहा अक्सर मैं
तुझे पाया जब तब तलक उम्र ढल गई
तेरे ख्यालों की दुनिया में डूबा रहा मैं
तुझे ख्याल आया तब तलक उम्र ढल गई
अंगारे से बरखी बूढ़ी धूप गर्मियों की
पीकर हथेलियों से भी फिर प्यास ना बुझी
तुम्हारी जुल्फों के साये को छूने को तरसता रहा बरसों तलक मैं
जब हाथ आयी तब तलक उम्र ढल गई
तेरे ख्यालों की दुनिया में डूबा रहा मैं
तुझे ख्याल आया तब तलक उम्र ढल गई
तुझे ख्याल आया तब तलक उम्र ढल गई
त्यारा ख्यालों की दुनियाँ मा डुब्यूं रौं मी
त्वे थेय ख्याल आई त लटुलि फुलिं ग्येनी
लटुलि फुलिं ग्येनी
रुज्दा बिज्दा तरपर ऐन सौण भादो -२
मीन बोली लठियालो वीं खोजी ल्यादो
दणमण अस्धरियोंळ मुखडी छल्याणो रौं मी
आशूँ उबैनी त लटुलि फुलिं ग्येनी
लटुलि फुलिं ग्येनी
त्यारा ख्यालों की दुनियाँ मा डुब्यूं रौं मी
त्वे थेय ख्याल आई त लटुलि फुलिं ग्येनी
लटुलि फुलिं ग्येनी
कौंपदू - २ थर थर फिर ह्यूंद आई -२
त्यारा बाँठोँ ह्यूं बी मैमा धोली ग्याई
टप -टप पठाल्यूँ कु ह्युं सी गळणु रौं मी
मौल्यार आई त लटुलि फुलिं ग्येनी
लटुलि फुलिं ग्येनी
हैसदु खेल्दु खिलखिल बसन्त आई -२
मेरी सुनि देलीयूँ मा फूल धोली ग्याई
मुलमुल हैसदा फूलों मा त्वे खोज्याणू रौं मी
खोजी खाजि याली त लटुलि फुलिं ग्येनी
लटुलि फुलिं ग्येनी
त्यारा ख्यालों की दुनियाँ मा डुब्यूं रौं मी
त्वे थेय ख्याल आई त लटुलि फुलिं ग्येनी
लटुलि फुलिं ग्येनी
अंगार सी बरखींनि घाम रूडी बूढ़ी
छमोटोंळ पाणि पेकि बी स्यैल नी पोड़ि
झपन्याली लटुलियुं कु छैल लोप्याणु रौं मई
हाथ पौछिनी त लटुलि फुलिं ग्येनी
लटुलि फुलिं ग्येनी
त्यारा ख्यालों की दुनियाँ मा डुब्यूं रौं मी
त्वे थेय ख्याल आई त लटुलि फुलिं ग्येनी
लटुलि फुलिं ग्येनी
लटुलि फुलिं ग्येनी
" उम्र ढल गई "
तेरे ख्यालों की दुनिया में डूबा रहा मैं
तुझे ख्याल आया तब तलक उम्र ढल गई
तेरे ख्यालों की दुनिया में डूबा रहा मैं
तुझे ख्याल आया तब तलक उम्र ढल गई
भीगता भीगता तरबदर जब आया सावन भादौं
मैंने कहा यार ज़रा उसे खोज ला दो
बहते अश्कोँ से धोता रहा चेहरा अपना
अश्क़ थमे तब तलक उम्र ढल गई
तेरे ख्यालों की दुनिया में डूबा रहा मैं
तुझे ख्याल आया तब तलक उम्र ढल गई
काँपता -२ आया शर्द मौसम फिर जब
बर्फ तेरे हिस्से की बरबस मुझ पर ही गिराता हुआ
पत्थरोँ पर जमीं बर्फ सा गलता रहा टप टप अक्सर मैं
बहार आयी तब तलक उम्र ढल गई
तेरे ख्यालों की दुनिया में डूबा रहा मैं
तुझे ख्याल आया तब तलक उम्र ढल गई
मुस्कुराता हुआ खिलखिलाता हुआ फिर आया बसंत
मेरी वीरान दहलीज पर फूल बरसाता हुआ
मुस्कुराते फूलों में तुझे खोजता रहा अक्सर मैं
तुझे पाया जब तब तलक उम्र ढल गई
तेरे ख्यालों की दुनिया में डूबा रहा मैं
तुझे ख्याल आया तब तलक उम्र ढल गई
अंगारे से बरखी बूढ़ी धूप गर्मियों की
पीकर हथेलियों से भी फिर प्यास ना बुझी
तुम्हारी जुल्फों के साये को छूने को तरसता रहा बरसों तलक मैं
जब हाथ आयी तब तलक उम्र ढल गई
तेरे ख्यालों की दुनिया में डूबा रहा मैं
तुझे ख्याल आया तब तलक उम्र ढल गई
तुझे ख्याल आया तब तलक उम्र ढल गई
अनुवादक : गीतेश सिंह नेगी
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