गढ़वाली कविता : योजना
तुम
जू बण्या रौ
परवाण
दिणा रौ बचन
घैंटणा रौ सौं
विकासौ नौ फर
अर बणाणा रौ
योजना फर योजना
साखियुं भटेय
पर ऐंशु बस्गाल
बोग ग्यीं सब योजना तुम्हरी
मेरी खाली कुड़ी
अर तुम्हरी बांझी पुन्गडी जन्न
अर तुम !
सैद मीस्सै ग्यै व्हेला चट्ट फिर
बणाण फर
एक और योजना
जू बूढेय जैली
कटद कटद उक्काल म्यार गौंऽकी
पर नी पहुँचली सैद कब्बी
विकास
अर वूं निर्भगी छ्वारौं जन्न
जू अज्जी तक नी आई बोडिक
म्यार मुल्क
बरसूँ भटेय
रचनाकार : गीतेश सिंह नेगी ,सर्वाधिकार सुरक्षित